हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, हौज़ा ए इल्मिया क़ुम के मशहूर आयतुल्लाहिल उज़्मा नासिर मकारिम शिराज़ी से शरई हुक्म के संबंध मे पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और जवाब का पाठ बयान कर रहे हैं।
सवाल: क्या एक अत्याचारी की राजनीति पर शांति और सकून के साथ प्रदर्शन करना जायज़ है जिसका वजीफा एक दीनी हैं? और यह देखते हुए कि आपत्ति के अन्य तरीके उपयोगी नहीं हैं और यह तरीका हत्या का रूप ले सकता हैं,क्या इस कृत्य को रक्षात्मक जिहाद शुमार किया जाएगा?
उत्तर: जब भी इस्लाम को खतरा हो,और देफाई के लिए उसके बचाव का कोई दूसरा रास्ता न हो तो हाकीम ए शरह की अनुमति से यह काम जायज़ है, लेकिन अपनी इच्छा से इस कार्य में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, अन्यथा कोई विभाजन या सुस्ती का कारण हो जाएगा,